कश्मीर
निहारती है आईने में
एक चिड़ी.
आईने में खूब चौंच मरती है.
वह करती है पुरजोर
आक्रमण , अपने ही बिम्ब पर.
फलस्वरूप / लहूलुहान हो गयी है
छिड़ी.
उसकी इस अकलमंदी पर
हँसता है --------आइना
आखिर,
वह कब तक करती रहेगी
खुदको --------यूँ फ़ना?
*********
निहारती है आईने में
एक चिड़ी.
आईने में खूब चौंच मरती है.
वह करती है पुरजोर
आक्रमण , अपने ही बिम्ब पर.
फलस्वरूप / लहूलुहान हो गयी है
छिड़ी.
उसकी इस अकलमंदी पर
हँसता है --------आइना
आखिर,
वह कब तक करती रहेगी
खुदको --------यूँ फ़ना?
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